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प्रहसन
शुक्रवार, 2 जून 2017
मुस्कुराते रहो
सूरज को गगन मिल गया
फूलों का चमन मिल गया
आप जब मुस्कुराये
मन से मन मिल गया
मुफ्त
अखबारों में पढ़ा
कि मुफ्त मिलेगी दवाई
लेकिन यह बात, समझ नही आई
बिना डाक्टर के, रोग कौन समझेगा
सूने हैं अस्पताल, दवा कौन लिखेगा
कोरी पर्ची से, इलाज जाने कैसे हो जाता है
दर्द तो बढ़ते जाता है पर दवा स्टाॅक घट जाता है ।
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